नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई. हिंसा में किसानों और पुलिस जवानों के घायल होने के अलावा सरकारी और निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया और साथ ही सरकार द्वारा लागू किए कोविड-19 नियमों की भी धज्जियां उड़ीं. मामले को लेकर दिल्ली के सीनियर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राज्य के जिस भी जिले में हिंसा हुई है वहां केस दर्ज किए जाएंगे.
उपद्रवियों के खिलाफ लिया जाएगा एक्शन
सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक, सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहचाने और कोविड-19 गाइडलाइंस का उल्लंघन करने, NOC के नियम की अवहेलना, तमाम आधारों को लेकर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज होंगे. अधिकारी ने कहा, उपद्रवियों की पहचान कर जल्द से जल्द सख्त कार्यवाही की जाएगी.
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इन इलाकों में हुई FIR दर्ज
बता दें कि मंगलवार (26 जनवरी) को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हिंसा देखने को मिली है. हिंसा के मामले में पुलिस की ओर से अब तक कुल 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं. 4 ईस्टर्न रेंज, एक द्वारका के बाबा हरिदास नगर पुलिस स्टेशन, एक नजफगढ़, एक उत्तम नगर में दर्ज की गई है. इनके अलावा एक पांडव नगर, दो गाजीपुर थाने और एक सीमापुरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई हैं. प्रदर्शनकारियों पर 8 बसें, 17 गाड़ियां, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा बैरिकेड तोड़ने के आरोप हैं.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के डीसीपी ईश सिंघल ने बताया कि आईटीओ पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में 109 पुलिस वाले घायल हुए हैं. दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के करीब 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं. पुलिस के मुताबिक दिल्ली के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में भी 34 पुलिसकर्मी घायल हैं. वहीं शाहदरा डिस्ट्रिक्ट में 12 लोग घायल हैं. जिनमे कई पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है.