Tuesday, October 3, 2023
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Punjab Chief Secretary Anurag Verma Father Death CM Bhagwant Mann Minister Harpal Cheema DGP Gaurav Yadav | ट्यूशन के दौर में मुफ्त पढ़ाते थे प्रोफेसर वर्मा, पैदल-साइकिल पर 15 किमी जाकर पढ़ाई की

मोहाली33 मिनट पहले

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चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा के पिता को अंतिम विदाई देने पहुंचे मंत्री हरपाल चीमा, गुरमीत मीत हेयर, अमन अरोड़ा और DGP गौरव यादव। - Dainik Bhaskar

चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा के पिता को अंतिम विदाई देने पहुंचे मंत्री हरपाल चीमा, गुरमीत मीत हेयर, अमन अरोड़ा और DGP गौरव यादव।

पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा के पिता प्रोफेसर बीसी वर्मा का मंगलवार को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। PGI चंडीगढ़ में बीमारी के दौरान उनका निधन हुआ। दोपहर को सेक्टर 25 के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। CS अनुराग वर्मा और उनके भाई आशीष वर्मा ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

प्रोफेसर वर्मा ड्यूटी टाइम के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाते थे। उनके पढ़ाए बच्चे आज सिविल और पुलिस के अफसर ही नहीं बल्कि दूसरे क्षेत्रों में भी उच्च पदों पर पहुंचे। उनकी अंतिम विदाई के मौके पर पंजाब सरकार के मंत्री अमन अरोड़ा, लाल चंद कटारूचक्क, ब्रह्म शंकर ज़िम्पा, गुरमीत मीत हेयर बलकार सिंह के अलावा DGP गौरव यादव भी मौजूद रहे। CM भगवंत मान की तरफ से उनके OSD राजबीर सिंह घुम्मन ने श्रद्धांजलि दी।

इस मौके CS अनुराग वर्मा ने कहा कि यह पिता के ही नेक कामों के कारण मिली प्रार्थनाओं का फल था कि वे चीफ सेक्रेटरी के पद तक पहुंचे।

पिता प्रोफेसर बीसी वर्मा को अंतिम बार प्रणाम करते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा।

पिता प्रोफेसर बीसी वर्मा को अंतिम बार प्रणाम करते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा।

प्रोफेसर बीसी वर्मा के बारे में जानिए

पटियाला में जन्म हुआ
प्रोफेसर बीसी वर्मा का जन्म 2 अप्रैल, 1934 को पटियाला जिले के गांव चलैला में हुआ। बचपन से ही उनमें पढ़ाई को लेकर बड़ी लगन थी। इस वजह से वह पहले पैदल और फिर साइकिल पर 15 किलोमीटर दूर पटियाला शहर पढ़ने जाते थे। रसायन विज्ञान विषय में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद सरकारी महेन्दरा कॉलेज, पटियाला में रसायन विज्ञान के प्रोफ़ैसर के तौर पर सेवाएं निभाईं।

पिता की चिता को मुखाग्नि देते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा और एडवोकेट आशीष वर्मा।

पिता की चिता को मुखाग्नि देते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा और एडवोकेट आशीष वर्मा।

ट्यूशन के दौर में मुफ्त पढ़ाया
प्रोफेसर रहने के दौरान अस्सी के दशक में ट्यूशन का दौर चल रहा था। तब प्रोफेसर वर्मा कॉलेज की पढ़ाई के बाद गरीब होशियार स्टूडेंट्स को घर में मुफ्त पढ़ाते थे। अभावों से जूझ रहे बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।

पिता को पंचतत्व में विलीन होते हुए देखते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा। उनके साथ राज्य के वित्त मंत्री हरपाल चीमा और पंजाब के सीनियर अफसर भी मौजूद हैं।

पिता को पंचतत्व में विलीन होते हुए देखते चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा। उनके साथ राज्य के वित्त मंत्री हरपाल चीमा और पंजाब के सीनियर अफसर भी मौजूद हैं।

मशहूर डॉक्टर वांडर भी अक्सर करते थे याद
प्रोफेसर वर्मा के पढ़ाए स्टूडेंट्स बड़े पदों तक पहुंचे। मशहूर हॉर्ट स्पेशलिस्ट डाक्टर गुरप्रीत सिंह वांडर भी उनके स्टूडेंट रहे। डॉक्टर वांडर अक्सर उन्हें याद करते थे। सरकारी कालेज पट्टी और सरकारी स्पोर्टस कालेज जालंधर के प्रिंसिपल रहने के उपरांत डी. पी. आई. कॉलेज में बतौर डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर सेवा-मुक्त हुए। उनकी पत्नी भी अध्यापिका थी।-

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