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फेसबुक पर अपने ‘कैप्टन से सवाल’ सेशन के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अब एक महिला राफेल लड़ाकू पायलट भी है, इसलिए महिलाएं इस सबकी हकदार हैं। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं बड़ी कामयाबी हासिल कर रही हैं और आगे बढ़ने के लिए उनके सशक्तीकरण की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अगले 18 महीने में एक लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां देने के अपने वायदे को अमल में लाना है, जिसके लिए 31 अक्तूबर तक विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। एससी पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से हाथ खींचने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को पूरी तरह पिछड़ने वाला कदम करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर की गई नई वजीफा स्कीम, एससी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने में समर्थ बनाते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी।
मुख्यमंत्री, होशियारपुर के एक एससी विद्यार्थी के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसका भविष्य केंद्र की स्कॉलरशिप स्कीम के अचानक बंद होने से ख़तरे में पड़ गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति के अन्य विद्यार्थियों को स्कीम के दायरे में लाने के लिए आमदनी का दायरा बढ़ाने का भी फ़ैसला लिया है, जिसे विधानसभा में बिल के पास होने के बाद लागू किया जाएगा।
कोविड के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने मास्क पहनने और अन्य सुरक्षा उपायों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस ख़तरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने गंभीर चिंता जाहिर की कि लोग इसकी बीमारी के मूलभूत लक्षणों को भी नजर-अंदाज कर रहे हैं।
किसानों की हिमायत में हाल में हुई रैलियों में आधे से अधिक लोगों के मास्क नहीं पहने के रवैए पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस महामारी की दूसरी लहर कई देशों में दोबारा शुरू हो रही है, हम ढ़ीले नहीं पड़ सकते। उन्होंने सभी को एक दूसरे से सामाजिक दूरी रखने, मास्क पहनने, हाथ धोने आदि के नियमों का पालन करते हुए और ज्य़ादा एहतियात बरतने के लिए कहा।
कोविड संकट के दौरान रोजगार मेले में युवती को मिली नौकरी
मुख्यमंत्री ने पटियाला की एक युवती को बधाई दी, जिसने कोविड संकट के दौरान रोजगार मेले द्वारा पहली नौकरी मिलने की बात साझा की है। बटाला के एक निवासी ने कहा कि वह करतारपुर साहिब के दर्शन करना चाहता है तो इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही भारत सरकार को लिख चुकी है कि राज्य को इस पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन फैसला अब केंद्र सरकार को लेना है।
किसानों को जरूरी वस्तुओं की ढुलाई के लिए रेल रोको आंदोलन में ढील देने की अपील को दोहराते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर किसान यूनियनों के प्रति अहंकारी रवैया अपनाने और किसान संघर्ष के कारण पैदा हुए बिजली संकट को हल करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके तीन कैबिनेट साथी रेल ढुलाई के लिए किसान यूनियनों के साथ बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि राज्य में कोयले की भारी कमी पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का भी फर्ज बनता था कि वह किसानों से संपर्क कायम करती।
उन्होंने कहा कि लहरा मोहब्बत प्लांट के दो यूनिट और तरनतारन में जीवीके की एक यूनिट बंद हो चुकी हैं और राज्य बिजली की बड़ी कमी की तरफ बढ़ रहा है। ‘कैप्टन से सवाल’ फेसबुक लाइव सेशन के दौरान बठिंडा निवासी के एक सवाल के जवाब में अमरिंदर ने कहा कि राज्य युरिया और कोयले की बड़ी कमी का सामना कर रहा है । गोदामों से अनाज तत्काल उठाने की जरूरत है, जिसमें रेल रोको आंदोलन के कारण विघ्न पड़ा है।
केंद्रीय ग्रिड से बिजली खरीदने का पैसा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें एक सुझाव मिला है कि राज्य को केंद्रीय ग्रिड से बिजली खरीद लेनी चाहिए, परंतु इसके लिए पैसा कहाँ है?’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया करवा रही है और डीजल की बड़ी कमी का भी सामना कर रही है। गुरदासपुर के एक निवासी के सवाल में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विधान सभा के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले प्रस्तावित बिल के मसौदे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि अभी इस पर सोच-विचार चल रहा है।
फेसबुक पर अपने ‘कैप्टन से सवाल’ सेशन के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अब एक महिला राफेल लड़ाकू पायलट भी है, इसलिए महिलाएं इस सबकी हकदार हैं। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं बड़ी कामयाबी हासिल कर रही हैं और आगे बढ़ने के लिए उनके सशक्तीकरण की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अगले 18 महीने में एक लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां देने के अपने वायदे को अमल में लाना है, जिसके लिए 31 अक्तूबर तक विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। एससी पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से हाथ खींचने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को पूरी तरह पिछड़ने वाला कदम करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर की गई नई वजीफा स्कीम, एससी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने में समर्थ बनाते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी।
मुख्यमंत्री, होशियारपुर के एक एससी विद्यार्थी के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसका भविष्य केंद्र की स्कॉलरशिप स्कीम के अचानक बंद होने से ख़तरे में पड़ गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति के अन्य विद्यार्थियों को स्कीम के दायरे में लाने के लिए आमदनी का दायरा बढ़ाने का भी फ़ैसला लिया है, जिसे विधानसभा में बिल के पास होने के बाद लागू किया जाएगा।
कोविड के प्रति लापरवाह रवैये पर जताई चिंता
कोविड के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने मास्क पहनने और अन्य सुरक्षा उपायों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस ख़तरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने गंभीर चिंता जाहिर की कि लोग इसकी बीमारी के मूलभूत लक्षणों को भी नजर-अंदाज कर रहे हैं।
किसानों की हिमायत में हाल में हुई रैलियों में आधे से अधिक लोगों के मास्क नहीं पहने के रवैए पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस महामारी की दूसरी लहर कई देशों में दोबारा शुरू हो रही है, हम ढ़ीले नहीं पड़ सकते। उन्होंने सभी को एक दूसरे से सामाजिक दूरी रखने, मास्क पहनने, हाथ धोने आदि के नियमों का पालन करते हुए और ज्य़ादा एहतियात बरतने के लिए कहा।
कोविड संकट के दौरान रोजगार मेले में युवती को मिली नौकरी
मुख्यमंत्री ने पटियाला की एक युवती को बधाई दी, जिसने कोविड संकट के दौरान रोजगार मेले द्वारा पहली नौकरी मिलने की बात साझा की है। बटाला के एक निवासी ने कहा कि वह करतारपुर साहिब के दर्शन करना चाहता है तो इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही भारत सरकार को लिख चुकी है कि राज्य को इस पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन फैसला अब केंद्र सरकार को लेना है।
केंद्र के किसानों के प्रति अहंकारी रवैये से पंजाब में बिजली संकट
किसानों को जरूरी वस्तुओं की ढुलाई के लिए रेल रोको आंदोलन में ढील देने की अपील को दोहराते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर किसान यूनियनों के प्रति अहंकारी रवैया अपनाने और किसान संघर्ष के कारण पैदा हुए बिजली संकट को हल करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके तीन कैबिनेट साथी रेल ढुलाई के लिए किसान यूनियनों के साथ बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि राज्य में कोयले की भारी कमी पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का भी फर्ज बनता था कि वह किसानों से संपर्क कायम करती।
उन्होंने कहा कि लहरा मोहब्बत प्लांट के दो यूनिट और तरनतारन में जीवीके की एक यूनिट बंद हो चुकी हैं और राज्य बिजली की बड़ी कमी की तरफ बढ़ रहा है। ‘कैप्टन से सवाल’ फेसबुक लाइव सेशन के दौरान बठिंडा निवासी के एक सवाल के जवाब में अमरिंदर ने कहा कि राज्य युरिया और कोयले की बड़ी कमी का सामना कर रहा है । गोदामों से अनाज तत्काल उठाने की जरूरत है, जिसमें रेल रोको आंदोलन के कारण विघ्न पड़ा है।
केंद्रीय ग्रिड से बिजली खरीदने का पैसा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें एक सुझाव मिला है कि राज्य को केंद्रीय ग्रिड से बिजली खरीद लेनी चाहिए, परंतु इसके लिए पैसा कहाँ है?’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया करवा रही है और डीजल की बड़ी कमी का भी सामना कर रही है। गुरदासपुर के एक निवासी के सवाल में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विधान सभा के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले प्रस्तावित बिल के मसौदे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि अभी इस पर सोच-विचार चल रहा है।