अपनी ही तरह के एक अलग मामले में पंजाब के अधिकारी ने बगैर स्नातक पास किए तीन विषयों से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर ली और वह पीसीएस अफसर भी बन गया। अब जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार ने उसे पीसीएस पद से हटा दिया तो वह राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया।
लेकिन हाईकोर्ट ने राहत से इनकार करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। पंजाब के पूर्व पीसीएस अधिकारी रमन कुमार कोचर दीनानगर में एसडीएम पद पर तैनात थे। उनके पास दो विषय में एमए और एमबीए की डिग्री है लेकिन स्नातक की डिग्री नहीं है। राज्य सरकार ने मांगा तो वह स्नातक की डिग्री नहीं दिखा सके।
इसके बाद पंजाब की मुख्य सचिव ने गत सप्ताह स्नातक की डिग्री न होने के चलते कोचर को उसके मूल विभाग में वापस जाने के आदेश दिए थे। मुख्य सचिव ने अपील करने के लिए उनको दस दिन का समय दिया था। पीसीएस पद से हटाने के मुख्य सचिव के आदेश को कोचर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से पंजाबी में एमए तथा पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी(पीटीयू) से एमबीए किया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास उत्तम शिक्षा है, इसलिए उसे मनजीत सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले की फुल बेंच द्वारा दिए गए फैसले का लाभ दिया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने पूछा, बगैर योग्यता के कैसे सौंप दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस संधवालिया ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। हालांकि हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के पीसीएस पद से हटाने के आदेश पर रोक लगाने की उसकी मांग खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास योग्यता ही नहीं है, उसको महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी कैसे सौंप दी गई । ऐसा व्यक्ति किसी भी तरह की अंतरिम राहत का हकदार नहीं है।
सार
- हैरानी की बात, याची का दो विषय में एमए और एमबीए पास होने का दावा
- हाईकोर्ट ने भी राहत देने से किया इनकार, पंजाब सरकार को नोटिस जारी
विस्तार
अपनी ही तरह के एक अलग मामले में पंजाब के अधिकारी ने बगैर स्नातक पास किए तीन विषयों से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर ली और वह पीसीएस अफसर भी बन गया। अब जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार ने उसे पीसीएस पद से हटा दिया तो वह राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया।
लेकिन हाईकोर्ट ने राहत से इनकार करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। पंजाब के पूर्व पीसीएस अधिकारी रमन कुमार कोचर दीनानगर में एसडीएम पद पर तैनात थे। उनके पास दो विषय में एमए और एमबीए की डिग्री है लेकिन स्नातक की डिग्री नहीं है। राज्य सरकार ने मांगा तो वह स्नातक की डिग्री नहीं दिखा सके।
इसके बाद पंजाब की मुख्य सचिव ने गत सप्ताह स्नातक की डिग्री न होने के चलते कोचर को उसके मूल विभाग में वापस जाने के आदेश दिए थे। मुख्य सचिव ने अपील करने के लिए उनको दस दिन का समय दिया था। पीसीएस पद से हटाने के मुख्य सचिव के आदेश को कोचर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
मनजीत सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले का हवाला दिया
याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से पंजाबी में एमए तथा पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी(पीटीयू) से एमबीए किया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास उत्तम शिक्षा है, इसलिए उसे मनजीत सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले की फुल बेंच द्वारा दिए गए फैसले का लाभ दिया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने पूछा, बगैर योग्यता के कैसे सौंप दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस संधवालिया ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। हालांकि हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के पीसीएस पद से हटाने के आदेश पर रोक लगाने की उसकी मांग खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसके पास योग्यता ही नहीं है, उसको महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी कैसे सौंप दी गई । ऐसा व्यक्ति किसी भी तरह की अंतरिम राहत का हकदार नहीं है।