मुंबई: मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले (TRP SCAM) को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पुलिस की जांच के मुताबिक टीआरपी में धोखाधड़ी का खेल साल 2016 से जारी था. 2016 से 2019 के बीच घरों से आने वाले डेटा में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ की गई. मुंबई पुलिस ने इस बावत चार्जशीट दायर की है.
ज्वाइन्ट सीपी मिलिन्द भाम्रे ने कहा है कि टीआरपी के मामले में कल हमने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है पार्थ निर्मल दास गुप्ता की जो इस मामले के मास्टर माइंड हो सकते हैं. गौरतलब है कि पार्थो BARC के अधिकारिक CEO पद पर 2013 से 2019 तक कार्यरत रहे थे.
2016 से जारी थी डेटा से हेराफेरी
BARC के रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2019 के बीच टीआरपी मैन्युपुलेशन चल रहे हैं , जिसमें अंग्रेजी और तेलुगू न्यूज चैनलों के घरों से आने वाले असल डेटा के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई.
44 हफ्तों की रिपोर्ट की पड़ताल में खुलासा
44 सप्ताह के रिपोर्ट में दो बड़े चैनलों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी टीआरपी में बढ़ोत्तरी दिखाने के लिए गलत तरीकों का सहारा लिया. कुछ अलग मनोरंजन जगत से जुड़े चैनल के लिए डेटा में छेड़छाड़ (Manipulation) की गई. इस दौरान टाईम्स नाउ को दूसरे नंबर पर लाया गया और रिपब्लिक टीवी (Republic TV) चैनल को नंबर वन पर दिखाया गया. इस डेटा की जांच मुंबई पुलिस कर रही है.
टाइम्स नाउ और रिपब्लिक न्यूज पर आरोप
मुंबई पुलिस ने कहा कि उनकी जांच के दौरान दो चैनल टाईम्स नाउ और रिपब्लिक न्यूज का नाम सामने आया है जो इस मामले में शामिल थे. जुलाई 2020 में BARC को पेश किए गए थर्ड पार्टी रिपोर्ट में ये जाहिर हुआ है कि 2016 से 2019 का डाटा Manipulation है.
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस के मुताबिक डेटा से छेड़छाड़ ( Data manipulation) में BARC के बड़े ओहदे के लोगों के शामिल होने की की बात सामने आई है.
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