नई दिल्ली: साल 2020 का नवंबर का महीना देश की राजधानी दिल्ली के लिए पिछले 71 साल में सबसे ठंडा रहा. दिल्ली में नवंबर महीने में हुई इतनी कड़ाके की ठंड के पीछे की वजह वैश्विक कारक जैसे- ला नीना और पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति रही. इसके अलावा स्थानीय तौर पर सिंतबर में बारिश का ना होना और आसमान में बादलों की कमी भी दिल्ली में इतनी सर्दी का कारण बनी.
पिछले 71 साल में पहली बार दिल्ली में नवंबर महीने में न्यूनतम 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. जान लें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आमतौर पर नवंबर में दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री के आसपास रहता है.
अक्टूबर में ठंड ने तोड़ा था 58 साल का रिकॉर्ड
गौरतलब है कि इस साल 2020 के सिर्फ नवंबर महीने में ही इतनी ज्यादा ठंड रिकॉर्ड नहीं की गई बल्कि बीते अक्टूबर महीने में भी ठंड ने पिछले 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इस साल अक्टूबर में न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. इससे पहले साल 1962 में अक्टूबर महीने में इतनी कड़ाके की सर्दी हुई थी, जब 16.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था.
यह स्थिति संभवतः और खराब हो सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार, कल सोमवार 30 नवंबर को दिल्ली में नवंबर का सबसे ठंडा दिन था, जब न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया.
दिल्ली में इस वजह से हुई कड़ाके की सर्दी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के डायरेक्टर जनरल एम. महापात्रा ने बताया कि ला नीना जैसे वैश्विक कारक पहले ही अपना प्रभाव महसूस करवा चुके हैं. मौसम अपनी चरम सीमा तक तब पहुंच जाता है जब वैश्विक कारकों के साथ स्थानीय और क्षेत्रीय कारक भी योगदान करते हैं. इसी वजह से दिल्ली में बीते नवंबर महीने में कड़ाके की ठंड देखी गई.
उन्होंने आगे कहा कि सितंबर के महीने में बारिश का ना होना भी दिल्ली में नवंबर महीने में इतनी ज्यादा ठंड का कारण बना. बारिश नहीं होने के कारण वातावरण ज्यादातर शुष्क था और नमी की कमी थी, जिसके परिणामस्वरूप आसमान साफ था और बादलों की कमी रही. जब आसमान साफ होता है तो ठंड ज्यादा पड़ती है.