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पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को निष्क्रिय करने के लिए 19 अक्तूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रिमंडल की बैठक हुई। कैबिनेट ने पंजाब के राज्यपाल को भारतीय संविधान की धारा 174 के क्लॉज (1) के अंतर्गत 15वीं विधानसभा का 13वां (विशेष) सत्र को बुलाने को अधिकृत किया।
विधानसभा का 12वां सत्र 28 सितंबर को समाप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वे राज्य के कानूनों में जरूरी संशोधन करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे। इससे केंद्र सरकार के घातक कानूनों के प्रभाव को निष्क्रिय करेंगे।
दो साल में एक लाख को रोजगार
पंजाब कैबिनेट ने मार्च 2022 तक चरणबद्ध तरीके से खाली सरकारी पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मार्च 2022 तक एक लाख रोजगार देने का वादा किया था। अब कैबिनेट ने राज्य रोजगार योजना 2020-22 को मंजूरी प्रदान की है। अगले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में 50000 को नियुक्ति दी जाएगी।
झुग्गी झोपड़ी वालों को मिलेगा मालिकाना हक
पंजाब कैबिनेट ने एक अहम फैसले में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए पंजाब स्लम ड्वेलर्स अधिनियम 2020 के नियमों को अधिसूचित करने की मंजूरी दी है। इसके बाद इन लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की करना होगा।
12 साल से काबिज छोटे व मझोले किसानों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
पंजाब सरकार ने जमीन पर 12 साल से अधिक समय से काबिज और खेती कर रहे छोटे और मझोले किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित वाजिब कीमत पर जमीन अलॉट करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने पंजाब (छोटे और दर्मियाने किसानों के कल्याण और निपटारा) राज्य सरकार जमीन अलॉटमेंट बिल, 2020 को मंजूरी दे दी है। यह कदम लंबित याचिकाओं का निपटारा करने में भी सहायक होगा।
कैबिनेट ने सरकार द्वारा दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की खामियों को दूर करने के लिए रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 की धारा 19 में क्लॉज-ए दाखिल करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। नए क्लॉज से राज्य के सब-रजिस्ट्रार और ज्वाइंट रजिस्ट्रार को कानूनी खामियों वाले दस्तावेजों को रजिस्टर न करने का अधिकार देगी।
लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने कानून को सरल बनाने और न्याय के तेजी से वितरण को यकीनी बनाने के उद्देश्य से पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 की विभिन्न धाराओं में संशोधन करने को मंजूरी दे दी है।
पटियाला खेल यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों को 3.75 करोड़ की ग्रांट को मंजूरी
कैबिनेट ने महाराजा भुपिंदर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी पटियाला के तीन कॉलेजों को 3.75 करोड़ रुपये की ग्रांट को मंजूरी दे दी। इसमें प्रो. गुरसेवक सिंह सरकारी कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन को 1.50 करोड़ रुपए, आर्टस एंड स्पोर्टस कॉलेज जालंधर को 1,12,50,000 रुपये और सरकारी कॉलेज काला अफगाना को 1,12,50,000 रुपये मिलेगा।
यह राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाकी समय के लिए कॉलेजों के रखरखाव और वेतन खर्चों के लिए दी गई है। इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य सरकार द्वारा इन तीनों ही कांस्टीच्यूट कॉलेजों को रख-रखाव और वेतन खर्चों के लिए हर साल 1.50 करोड़ रुपए भविष्य के लिए ग्रांट देने की भी मंजूरी दे दी है।
पंजाब में बड़े दरियाओं की निरंतर सफाई और बाढ़ का प्रकोप घटाने के लिए राज्य सरकार ने दरियाओं की सफाई के काम के माइनिंग ब्लॉक अलॉट करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस संबंधी करारनामों में जरूरी संशोधन को मंजूरी दी। बड़े दरिया जिनमें संशोधित करारनामों के तौर पर रेत निकाली जानी है उसमें सतलुज, ब्यास और रावी के अलावा मौसमी नदियां घग्गर व चक्की शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक इससे दरियाओं की पानी ले जाने की क्षमता बढ़ेगी। बिना किसी वातावरण प्रभाव के वाजिब दाम पर रेत और बजरी की उपलब्धता को यकीनी बनाया जा सकेगा। मंत्रिमंडल ने बुधवार को जल स्रोत विभाग के जल निकास विंग को 7 ब्लॉकों में 78 स्थानों को माइनिंग के ठेकेदारों को अलॉट करने की मंजूरी दी। इन स्थानों का कुल क्षेत्रफल 651.02 हेक्टेयर है और 274.22 लाख टन रेत -बजरी है।
ब्लॉक-1 में रोपड़ शामिल है जबकि ब्लॉक -2 में एसबीएस नगर (नवांशहर), जालंधर, बरनाला, संगरूर और मानसा, ब्लॉक -3 में मोगा, फिरोजपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा और फरीदकोट, ब्लॉक -4 होशियारपुर और गुरदासपुर, ब्लॉक -5 में कपूरथला, तरनतारन और अमृतसर, ब्लॉक -6 में पठानकोट और ब्लॉक -7 में मोहाली, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब शामिल हैं।
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में बाढ़ से जल स्रोत विभाग के बुनियादी ढांचे को लगभग 200 करोड़ का नुकसान होने के अलावा लोगों की फसलों और जायदाद को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ था। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 14 फरवरी, 2020 को हुई स्टेट कंट्रोल बोर्ड की बैठक में संबंधित डिप्टी कमिश्नरों ने भी यह मसला उठाया था। जल स्रोत विभाग के जल निकास विंग की तरफ से अनुमान लगाया गया था कि दरियाओं के बैडों में 5 से 12 फुट तक कीचड़ जमा हो चुका है। इसे निकाल दिया जाता है तो दरियाओं की क्षमता 15,000 से 50,000 क्यूसेक तक सुधर सकती है।
पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को निष्क्रिय करने के लिए 19 अक्तूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रिमंडल की बैठक हुई। कैबिनेट ने पंजाब के राज्यपाल को भारतीय संविधान की धारा 174 के क्लॉज (1) के अंतर्गत 15वीं विधानसभा का 13वां (विशेष) सत्र को बुलाने को अधिकृत किया।
विधानसभा का 12वां सत्र 28 सितंबर को समाप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वे राज्य के कानूनों में जरूरी संशोधन करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे। इससे केंद्र सरकार के घातक कानूनों के प्रभाव को निष्क्रिय करेंगे।
दो साल में एक लाख को रोजगार
पंजाब कैबिनेट ने मार्च 2022 तक चरणबद्ध तरीके से खाली सरकारी पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मार्च 2022 तक एक लाख रोजगार देने का वादा किया था। अब कैबिनेट ने राज्य रोजगार योजना 2020-22 को मंजूरी प्रदान की है। अगले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में 50000 को नियुक्ति दी जाएगी।
In line with CM Captain Amarinder Singh’s promise of 1 lakh govt jobs till Mar 2022, Punjab Cabinet approves
State Employment Plan 2020-22 to fill vacant government jobs in a phased time-bound manner. 50,000 for FY21 to join at Independence Day function next year: Punjab Govt https://t.co/KeIUMdXd89
झुग्गी झोपड़ी वालों को मिलेगा मालिकाना हक
पंजाब कैबिनेट ने एक अहम फैसले में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए पंजाब स्लम ड्वेलर्स अधिनियम 2020 के नियमों को अधिसूचित करने की मंजूरी दी है। इसके बाद इन लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की करना होगा।
12 साल से काबिज छोटे व मझोले किसानों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
पंजाब सरकार ने जमीन पर 12 साल से अधिक समय से काबिज और खेती कर रहे छोटे और मझोले किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित वाजिब कीमत पर जमीन अलॉट करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने पंजाब (छोटे और दर्मियाने किसानों के कल्याण और निपटारा) राज्य सरकार जमीन अलॉटमेंट बिल, 2020 को मंजूरी दे दी है। यह कदम लंबित याचिकाओं का निपटारा करने में भी सहायक होगा।
कानूनी गड़बड़ी वाले दस्तावेजों का नहीं हो सकेगा रजिस्ट्रेशन
कैबिनेट ने सरकार द्वारा दस्तावेजों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की खामियों को दूर करने के लिए रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 की धारा 19 में क्लॉज-ए दाखिल करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। नए क्लॉज से राज्य के सब-रजिस्ट्रार और ज्वाइंट रजिस्ट्रार को कानूनी खामियों वाले दस्तावेजों को रजिस्टर न करने का अधिकार देगी।
लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने कानून को सरल बनाने और न्याय के तेजी से वितरण को यकीनी बनाने के उद्देश्य से पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 की विभिन्न धाराओं में संशोधन करने को मंजूरी दे दी है।
पटियाला खेल यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों को 3.75 करोड़ की ग्रांट को मंजूरी
कैबिनेट ने महाराजा भुपिंदर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी पटियाला के तीन कॉलेजों को 3.75 करोड़ रुपये की ग्रांट को मंजूरी दे दी। इसमें प्रो. गुरसेवक सिंह सरकारी कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन को 1.50 करोड़ रुपए, आर्टस एंड स्पोर्टस कॉलेज जालंधर को 1,12,50,000 रुपये और सरकारी कॉलेज काला अफगाना को 1,12,50,000 रुपये मिलेगा।
यह राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाकी समय के लिए कॉलेजों के रखरखाव और वेतन खर्चों के लिए दी गई है। इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य सरकार द्वारा इन तीनों ही कांस्टीच्यूट कॉलेजों को रख-रखाव और वेतन खर्चों के लिए हर साल 1.50 करोड़ रुपए भविष्य के लिए ग्रांट देने की भी मंजूरी दे दी है।
दरियाओं की सफाई के लिए अलॉट होंगे माइनिंग ब्लॉक
पंजाब में बड़े दरियाओं की निरंतर सफाई और बाढ़ का प्रकोप घटाने के लिए राज्य सरकार ने दरियाओं की सफाई के काम के माइनिंग ब्लॉक अलॉट करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस संबंधी करारनामों में जरूरी संशोधन को मंजूरी दी। बड़े दरिया जिनमें संशोधित करारनामों के तौर पर रेत निकाली जानी है उसमें सतलुज, ब्यास और रावी के अलावा मौसमी नदियां घग्गर व चक्की शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक इससे दरियाओं की पानी ले जाने की क्षमता बढ़ेगी। बिना किसी वातावरण प्रभाव के वाजिब दाम पर रेत और बजरी की उपलब्धता को यकीनी बनाया जा सकेगा। मंत्रिमंडल ने बुधवार को जल स्रोत विभाग के जल निकास विंग को 7 ब्लॉकों में 78 स्थानों को माइनिंग के ठेकेदारों को अलॉट करने की मंजूरी दी। इन स्थानों का कुल क्षेत्रफल 651.02 हेक्टेयर है और 274.22 लाख टन रेत -बजरी है।
ब्लॉक-1 में रोपड़ शामिल है जबकि ब्लॉक -2 में एसबीएस नगर (नवांशहर), जालंधर, बरनाला, संगरूर और मानसा, ब्लॉक -3 में मोगा, फिरोजपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा और फरीदकोट, ब्लॉक -4 होशियारपुर और गुरदासपुर, ब्लॉक -5 में कपूरथला, तरनतारन और अमृतसर, ब्लॉक -6 में पठानकोट और ब्लॉक -7 में मोहाली, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब शामिल हैं।
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में बाढ़ से जल स्रोत विभाग के बुनियादी ढांचे को लगभग 200 करोड़ का नुकसान होने के अलावा लोगों की फसलों और जायदाद को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ था। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 14 फरवरी, 2020 को हुई स्टेट कंट्रोल बोर्ड की बैठक में संबंधित डिप्टी कमिश्नरों ने भी यह मसला उठाया था। जल स्रोत विभाग के जल निकास विंग की तरफ से अनुमान लगाया गया था कि दरियाओं के बैडों में 5 से 12 फुट तक कीचड़ जमा हो चुका है। इसे निकाल दिया जाता है तो दरियाओं की क्षमता 15,000 से 50,000 क्यूसेक तक सुधर सकती है।