
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर साधा निशाना.
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन ने पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को विभिन्न आधारों पर रिहा कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 10, 2019, 3:12 PM IST
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, ‘रिपोर्टों के अनुसार आज जो 3 कश्मीरी नेता हिरासत से रिहा किए गए हैं उनपर एक बॉन्ड भरने के लिए दबाव डाला गया है. किस कानून के आधार पर उनकी रिहाई शर्तों पर हुई जबकि
उनकी हिरासत खुद में ही गैरकानूनी है.’ इल्तिजा मुफ्ती ने इसे जम्मू-कश्मीर प्रशासन की दिशाहीन सोच बताई है. अधिकारियों ने बताया था कि रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने एवं अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे.
आज हिरासत से छोड़े गए हैं 3 कश्मीरी नेताबता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन ने पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए तीन नेताओं को गुरुवार को रिहा कर दिया. इनमें यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को विभिन्न आधारों पर रिहा किया गया है.
यावर मीर राफियाबाद विधानसभा सीट से पूर्व विधायक हैं, जबकि शोएब लोन ने कांग्रेस (Congress) के टिकट से उत्तर कश्मीर से चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने बाद में कांग्रेस छोड़ दी थी. उन्हें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता है. जबकि नूर मोहम्मद नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता हैं.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने एवं अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे. इससे पहले राज्यपाल प्रशासन ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को स्वास्थ्य कारणों से 21 सितंबर को रिहा किया था.
हजारों नेताओं को लिया था हिरासत में
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों समेत हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था.
हिरासत में लिए गए नेताओं में तीन सीएम भी शामिल
इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं. करीब 250 लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर जेल भेजे गए. फारूक अब्दुल्ला को बाद में लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया जबकि अन्य नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत हिरासत में लिया गया.