मुंबई. बॉलीवुड एक्टर और डायरेक्टर रजत कपूर (Rajat Kapoor) का आज जन्मदिन (Happy Birthday Rajat Kapoor) है. उनका जन्म 11 फरवरी 1961 को नई दिल्ली में हुआ था. उन्हें हिंदी सिनेमा में भेजा फ्राई, कॉरपोरेट, दिल चाहता है, मानसून वेडिंग और फंस गए रे ओबामा जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. रजत कपूर ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई दिल्ली से पूरी की. उन्हें बचपन से एक्टिंग करने का जबर्दस्त शौक था. शौक के लिए उन्होंने पहले थिएटर ज्वाइन किया.
इसके बाद अभिनय की बारीकियां सीखने के लिए फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एडमिशन ले लिया. रजत ने फिल्म मंडी से अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने कॉमर्शियल और पैरलल सिनेमा में कई फिल्मों में काम किया. रजत ऐसी चर्चित फिल्मों के हिस्सा बने, जिनका बजट कम था. उनकी फिल्में हास्य प्रधान और मुद्दों पर आधारित थीं, जिनकी आलोचकों ने भी जमकर सराहना की. उनके जन्मदिन पर जानिए उनकी 5 बेहतरीन फिल्मों के बारे में…
- भेजा फ्राय (2007)- यह एक कॉमेडी फिल्म थी, जिसमें रजत कपूर के अलावा विनय पाठक और रणवीर शौरी ने भी काम किया था. यह फिल्म बहुत कम बजट में बनी थी, फिर भी इसने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कमाई की. इस फिल्म में रजत कपूर और विनय पाठक के बीच हुई रोचक मुलाकात को दिखाया गया है.
- कॉरपोरेट (2006)- इसमें रजत कपूर ने बड़े उद्योगपति की भूमिका निभाई है. वे फिल्म में बिजनेसमैन का रोल कर रहे राज बब्बर से प्रतिस्पर्धा करते दिखाए गए हैं. इसमें बिपासा बसु और के के मेनन ने भी एक्टिंग के जलवे दिखाए थे.
- फंस गए रे ओबामा (2010)- यह भी एक कॉमेडी फिल्म थी. अमेरिका में आए मंदी से त्रस्त भारतीय मूल के एक परिवार की कहानी को दिखाया गया है. इसमें रजत कपूर के साथ नेहा धूपिया, संजय मिश्रा ने अपने अभिनय के जौहर दिखाए हैं. अमेरिका में बिजनेस तबाह होने के बाद रजत कपूर अपना पुश्तैनी मकान बेचने भारत आते हैं और किडनैप हो जाते हैं. इसके बाद वे अपनी चतुराई से उनके चंगुल से निकलने में कामयाब हो जाते हैं.
- आइ एम 24 (2010)- ये फिल्म कम उम्र में गंजेपन से परेशान एक आदमी की कहानी है. इसमें लीड रोल रजत कपूर ने प्ले किया था, जबकि सौरभ शुक्ला, रणवीर शौरी और नेहा धूपिया ने भी इसमें काम किया है.
- आंखों देखी (2014)- यह रजत कपूर की सबसे सफल फिल्म कही जा सकती है. इसमें लीड रोल संजय मिश्रा ने किया है, लेकिन इस फिल्म की पटकथा रजत कपूर ने लिखी है और उन्होंने इस फिल्म का निर्देशन भी किया है. फिल्म में जीवन के कई दार्शनिक पहलुओं को दिखाया गया है.