नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 35वें दिन भी जारी है. किसानों और सरकार के बीच बुधवार (आज) को छठें दौर की वार्ता होगी. दोपहर दो बजे होने वाली बातचीत में किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे. पांचवें दौर की वार्ता के 25 दिनों बाद किसानों और सरकार के बीच छठवें दौर की वार्ता में इस आंदोलन का समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी.
कौन सा नया फॉर्मूला लेकर आएगी सरकार
प्रदर्शन कर रहे किसान तीन नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) की मांग पर अड़े हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि संशोधनों के लिए पहले से तैयार सरकार कौन सा नया फॉर्मूला लेकर आएगी और क्या किसान इस नए फॉर्मूले को स्वीकार करेंगे. सबसे बड़ा सवाल ये है क्या आज किसानों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म हो जाएगा?
लाइव टीवी
अमित शाह के घर पर हुई चर्चा
किसानों के साथ बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के घर पर मंगलवार को मंत्रियों की बैठक हुई. जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक, ये बैठक करीब 2 घंटे तक चली. सरकार की तरफ से आज की बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल होंगे.
समाधान का सरकारी फॉर्मूला तैयार
सरकार ने समाधान के लिए फाइनल फॉर्मूला तैयार कर लिया है. सरकार तीन कानून रद्द करने की मांग को छोड़कर सभी मांगों पर सरकार किसानों को फॉर्मूला देगी और किसानों की ओर से सुझाए गए मुद्दों का कानूनी हल निकालेगी. इसके अलावा तीनों कानूनों में किसानों के कुछ सुझाव माने जा सकते हैं.
ये भी पढ़ें- JP Nadda ने शेयर किया Rahul Gandhi का पुराना वीडियो, कहा- अब आपका पाखंड नहीं चलेगा
किन मुद्दों पर बात करेंगे किसान?
1- तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि.
2. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.
3 दिल्ली-एनसीआर और आस-पास वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में किसानों को दंड से बाहर रखने के लिए संशोधन.
4 . विद्युत संशोधन विधेयक 2020′ के मसौदे को वापिस लेने प्रक्रिया.
किसानों ने सरकार को दिया है अल्टीमेटम
इस बीच किसानों ने भी सरकार को अल्टीमेटम दिया है और बात नहीं बनने पर आंदोलन पर सख्ती की गई तो आंदोलन और उग्र कर दिया जाएगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये वैचारिक क्रांति है. ये विचार इस क्रांति को दबाओगे तो ये चिंगारी बनेगी. आप विचार से दबाओगे जो आपका जय कार्यकर्ता जाएगा. किसानों की बात सरकार को मान लेनी चाहिए.