सार
दिल्ली सरकार बना रही है योजना, पांच राज्यों से आने वालों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव हो तभी मिलेगी दिल्ली में एंट्री…
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कोरोना के मामले कुछ राज्यों में एकाएक बढ़ने लगे हैं। महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब में बढ़ते मामलों के चलते दिल्ली सरकार इन राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार की योजना है कि इन पांच राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी, तभी उन्हें दिल्ली में एंट्री मिलेगी। लेकिन फैसले के लागू होने से पहले ही उस पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार अगर हकीकत में ऐसा फैसला ले लेती है तो इसे जमीन पर लागू करना मुश्किल होगा। क्योंकि दिल्ली आने वालों की रिपोर्ट देखना ही बहुत मुश्किल होगा। खासकर तब जब पंजाब के किसान लगातार अपने वाहनों से दिल्ली आ रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अगले दो दिनों में दिल्ली आने वाले पांच राज्यों महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब के लोगों को अपनी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। उसके बाद ही देश की राजधानी में एंट्री मिलेगी। दिल्ली के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि आप एयरपोर्ट बेहतर तरीके से मॉनिटर कर सकते हैं। लेकिन रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर इसे चेक करना न प्रैक्टिकली संभव नहीं है। दिल्ली आने वाले लाखों लोगों की एक-एक की जांच रिपोर्ट देख पाना बहुत मुश्किल है।
लक्ष्मी नगर के रहने वाले इंदौर निवासी नितिन गौड़ कहते हैं सवाल यह है कि अगर यहां आने वाले लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनके लिए क्या प्रावधान है। क्या ऐसे लोगों को वापिस उनके राज्य भेजा जाएगा य उनको दिल्ली में ही किसी क्वारंटीन सेंटर में भेजा जाएगा। हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार की योजना बना रही है कि हवाई जहाज, रेलमार्ग और बस से आने वाले लोगों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी। अब सवाल यह उठता है कि जो लोग सड़क मार्ग के जरिए अपने वाहनों से आएंगे उनकी जांच रिपोर्ट कैसे जांची जाएगी। हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का यह भी कहना है कि कई राज्य अपने क्षेत्र की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों को चेक करते हैं। ऐसे में दिल्ली की सीमा पर ऐसा किया जा सकता है।
फिर किसान आंदोलन का क्या
किसान आंदोलन में तो पंजाब से बहुत से लोग आते-जाते रहते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ऐसी व्यवस्था लागू करती है तो आंदोलन में शिरकत करने वालों के लिए भी दिल्ली आना मुश्किल होगा। क्योंकि उन पांच राज्यों में से अकेला पंजाब ही है जो दिल्ली का पड़ोसी है जहां के लोगों के लिए निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया जा रहा है। किसान आंदोलन में बीते एक महीने से शामिल पटियाला से आये परमिंदर कहते हैं कि यह व्यवस्था तो ग्राउंड लेवल पर चल ही नहीं सकती। हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं।
विस्तार
कोरोना के मामले कुछ राज्यों में एकाएक बढ़ने लगे हैं। महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब में बढ़ते मामलों के चलते दिल्ली सरकार इन राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार की योजना है कि इन पांच राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी, तभी उन्हें दिल्ली में एंट्री मिलेगी। लेकिन फैसले के लागू होने से पहले ही उस पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार अगर हकीकत में ऐसा फैसला ले लेती है तो इसे जमीन पर लागू करना मुश्किल होगा। क्योंकि दिल्ली आने वालों की रिपोर्ट देखना ही बहुत मुश्किल होगा। खासकर तब जब पंजाब के किसान लगातार अपने वाहनों से दिल्ली आ रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अगले दो दिनों में दिल्ली आने वाले पांच राज्यों महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पंजाब के लोगों को अपनी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। उसके बाद ही देश की राजधानी में एंट्री मिलेगी। दिल्ली के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि आप एयरपोर्ट बेहतर तरीके से मॉनिटर कर सकते हैं। लेकिन रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर इसे चेक करना न प्रैक्टिकली संभव नहीं है। दिल्ली आने वाले लाखों लोगों की एक-एक की जांच रिपोर्ट देख पाना बहुत मुश्किल है।
लक्ष्मी नगर के रहने वाले इंदौर निवासी नितिन गौड़ कहते हैं सवाल यह है कि अगर यहां आने वाले लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनके लिए क्या प्रावधान है। क्या ऐसे लोगों को वापिस उनके राज्य भेजा जाएगा य उनको दिल्ली में ही किसी क्वारंटीन सेंटर में भेजा जाएगा। हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार की योजना बना रही है कि हवाई जहाज, रेलमार्ग और बस से आने वाले लोगों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी। अब सवाल यह उठता है कि जो लोग सड़क मार्ग के जरिए अपने वाहनों से आएंगे उनकी जांच रिपोर्ट कैसे जांची जाएगी। हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का यह भी कहना है कि कई राज्य अपने क्षेत्र की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों को चेक करते हैं। ऐसे में दिल्ली की सीमा पर ऐसा किया जा सकता है।
फिर किसान आंदोलन का क्या
किसान आंदोलन में तो पंजाब से बहुत से लोग आते-जाते रहते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ऐसी व्यवस्था लागू करती है तो आंदोलन में शिरकत करने वालों के लिए भी दिल्ली आना मुश्किल होगा। क्योंकि उन पांच राज्यों में से अकेला पंजाब ही है जो दिल्ली का पड़ोसी है जहां के लोगों के लिए निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया जा रहा है। किसान आंदोलन में बीते एक महीने से शामिल पटियाला से आये परमिंदर कहते हैं कि यह व्यवस्था तो ग्राउंड लेवल पर चल ही नहीं सकती। हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं।
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