औरंगाबाद: महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर औरंगाबाद का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव आता है तो उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि स्थानों के नाम बदलना शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी () सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का हिस्सा नहीं था.
बीस साल पहले शिवसेना ने की थी औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग
दो दशक पहले शिवसेना (Shiv Sena) ने सबसे पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की मांग की थी. महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री थोराट ने कहा, ‘अगर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का कोई प्रस्ताव आता है तो कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हमारी पार्टी नाम बदलने में विश्वास नहीं करती क्योंकि इससे आम आदमी का विकास नहीं होता है .
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उन्होंने कहा,‘‘हालांकि हम एमवीए गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन हम निश्चित रूप से इस तरह के प्रस्ताव का विरोध करेंगे. मुझे औरंगाबाद का नाम बदलने के बारे में किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है.”
शरद पवार की तरह ही सोनिया गांधी को भी सरकार का मार्गदर्शन करने का अधिकार: थोराट
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर थोराट ने कहा, सोनिया गांधी, राकांपा के शरद पवार और शिवसेना के उद्धव ठाकरे जैसे एमवीए के गठन के लिए जिम्मेदार नेताओं में से एक हैं. उन्होंने कहा, ‘शरद पवार की तरह ही सोनिया गांधी को भी सरकार का मार्गदर्शन करने का अधिकार है.’
ठाकरे को लिखे पत्र में गांधी ने राज्य में एमवीए सरकार के सीएमपी की याद दिलाई थी और दलितों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ उपाय लागू करने की मांग की थी.
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