सूत्रों ने बताया कि शाम करीब चार बजे पाकिस्‍तानी सैनिकों ने उड़ी सेक्‍टर में आकरण ही एलओसी के अग्रिम हिस्सों में भारत के सिलीकोट, चुरुंडा, ढकीकोट, नांबला, हथलंगा और सटे इलाकों में गोलाबारी शुरू कर दी। प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, पाकिस्‍तानी सेना तोपखाने का इस्तेमाल कर रही है। इस गोलीबारी में भारत का चार वर्षीय बच्चा तौसीफ खटाना गंभीर रूप से घायल हो गया जबकि दो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

घायल बच्चे को ग्रामीणों ने सेना की मदद से शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में भर्ती कराया गया है। भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तानी ठिकानों पर भारी गोलाबारी की। बताया जाता है कि गोलाबारी देर रात गए तक जारी थी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना का इमारती ढांचा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके साथ ही पूरे उत्तरी कश्मीर में अग्रिम इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है।

सेना के फील्ड कमांडरों को पूरी सतर्कता बरतने और पाकिस्‍तान की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है। सूत्रों की मानें तो उत्तरी कश्मीर में खराब मौसम के बीच पाकिस्तानी सेना की ओर से की जा रही गोलाबारी की वजह घुसपैठ कराने की कोशिशें हैं। भारतीय सेना की ओर से अग्रिम इलाकों में सभी गश्ती दलों और नाका पार्टियों को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उल्‍लेखनीय है कि बार बार मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्‍तान की साजिशें कम हो रही हैं और ना ही सीमा पर गोलाबारी थम रही है। इस साल के पहले चार महीनों में ही पाकिस्तानी सेना करीब 1450 बार युद्धविराम का उल्लंघन कर चुकी है। कोरोना के प्रकोप के साथ मार्च माह से आतंकियों की घुसपैठ कराने के मकसद से इसमें और तेजी आ गई है। पाकिस्‍तान ने मार्च महीने में ही सबसे अधिक 411 बार नियंत्रण रेखा पर सीजफायर का उल्लंघन किया है। अप्रैल में भी कमोबेश यही स्थिति रही थी।