बॉम्बे बेगम्स का पोस्टर.
नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘बॉम्बे बेगम’ (Bombay Begum) के कंटेंट को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने आपत्ति जताते हुए नोटिस जारी किया था. अब इस नोटिस पर नेटफ्लिक्स ने अपना जवाब दे दिया है.
अमेजॉन प्राइम (Amazon Prime) की वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) के बाद ये दूसरा वेब शो है जो विवादों में घिर गया है. ‘बॉम्बे बेगम्स’ 8 मार्च को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी. दरअसल, आयोग ने एक शिकायत के आधार पर नेटफ्लिक्स को नोटिस भेजा है. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इस सीरीज में 13 साल की बच्ची को ड्रग्स लेते दिखाया गया है. सीरीज में नाबालिगों को कैजुअल सेक्स करते दिखाया गया है. इसके साथ ही स्कूली बच्चों का जिस तरह चित्रण किया गया है उस पर भी आपत्ति जताई है. शिकायत में कथित अनुचित चित्रण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस प्रकार के कंटेंट से न केवल युवा लोगों के दिमाग पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि इससे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण भी हो सकता है.
डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव की वेब सीरीज ‘बॉम्बे बेगम’ में पांच अलग महिलाओं की कहानी दिखाई गई है. सीरीज में पूजा भट्ट के अलावा सुहाना गोस्वामी, अमृता सुभाष, प्लाबिता बोर-ठाकुर, आध्या आनंद महत्वपूर्ण भूमिका में हैं.आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि नेटफ्लिक्स को बच्चों के संबंध में या बच्चों के लिए किसी भी सामग्री को स्ट्रीम करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. आयोग ने आदेश दिया है तुरंत इस सीरीज की स्ट्रीमिंग रोक दी जाए और 24 घंटों के भीतर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो आयोग को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करेगा.