Thursday, April 18, 2024
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नवेलनी पर हमले के सवाल पर हंसते हुए बोले पुतिन- अगर मैं यह चाहता तो वे जिंदा नहीं होते

पुतिन ने कहा- मैं नवेलनी की मौत चाहता तो वे जिंदा नहीं होते. (फ़ाइल फोटो))

पुतिन ने कहा- मैं नवेलनी की मौत चाहता तो वे जिंदा नहीं होते. (फ़ाइल फोटो))

Putin on Alexei Navalny’s poisoning: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विपक्ष के नेता एलेक्स नवेलनी को जहर दिए जाने के पीछे उनका हाथ होने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि अगर वे चाहते तो नवेलनी आज जिंदा नहीं होते.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    December 18, 2020, 1:56 PM IST

मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने एक बार फिर अपने अंदाज से सबको चौंका दिया है. विपक्ष के नेता एलेक्स नवेलनी (Alexei Navalny) पर हुए घातक हमले से जुड़े एक सवाल पर पुतिन ने हंसते हुए कहा कि अगर मैं ये चाहता तो वे आज जिंदा नहीं घूम रहे होते. पुतिन के इस जवाब से कुछ सेकेंड तक इंटरव्यू लेने वाला शख्स भी हैरान रह गया. इससे पहले जर्मनी ने दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी को नोविचोक जहर दिया गया था.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक मैराथन न्यूज़ कांफ्रेंस नाम के एक कायर्क्रम में वीडियो कॉल पर इंटरव्यू के दौरान पुतिन से नवेलनी पर हुए हमले से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था. इस सवाल पर बिना झिझके पुतिन ने कहा- अगर ऐसा करना चाहता, तो ऐसा किया जा सकता था. पुतिन ने स्पष्ट कहा कि वे अगर उन्हें मारना चाहते तो वे आज जिन्दा नहीं होते. बता दें कि जर्मनी के अलावा फ्रांस और स्वीडन की एक्सपर्ट लैब में हुए टेस्ट के बाद नवेलनी को सोवियत दौर के नर्व एजेंट नोविचोक दिए जाने की पुष्टि हुई थी. जर्मनी की एक सैन्य प्रयोगशाला ने भी पूर्व में उनके नमूनों में इस पदार्थ की पुष्टि की थी.

पुतिन पर लगा है आरोप
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर विरोधी के रूप में ख्यात नवेलनी 20 अगस्त को साइबेरिया से मॉस्को जाते समय अचानक अचेत हो गए थे. जहर दिए जाने की चर्चाओं के बीच उन्हें उसी हालत में इलाज के लिए जर्मनी लाया गया. इस समय बर्लिन के चैरिट अस्पताल में उनका इलाज हुआ था. जहर दिए जाने की चर्चाओं के बीच उन्हें उसी हालत में इलाज के लिए जर्मनी लाया गया था. बीते दिनों एक रिपोर्ट में सामने आया था कि नवेलनी को मारने के लिए रूसी एजेंट अस्पताल तक भी पहुंच गए थे, हालांकि वे नाकाम रहे. रूसी राष्ट्रपति का क्रेमलिन कार्यालय इस मामले में सरकारी हाथ होने से पहले ही इन्कार कर चुका है.क्या है नर्व एजेंट? 

नोविचोक सोवियत संघ के जमाने का नर्व एजेंट है. कहा जाता है कि रूसी खुफिया एजेंसी अपने बड़े शिकार को आसानी से मारने के लिए इसका इस्तेमाल करती है. इसको 1960 से 1970 के दशक में बनाया गया था. इस जहर को रूस की चौथी पीढ़ी के रसायनिक जहर को विकसित करने के कार्यक्रम फोलेन्ट के जरिए बनाया गया था. 1990 के पहले दुनिया को इस नर्व एजेंट के बारे में मालूम ही नहीं था. रूसी वैज्ञानिक डॉ विल मिर्जानोव ने अपनी किताब स्टेट सीक्रेट्स में इस जहर के बारे में बताया था.

नोविचोक जहर इससे पहले 2018 में भी सुर्खियों में था. जब रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रीपाल और उनकी बेटी यूलिया पर ब्रिटेन के सैलिसबरी शहर में इस जहर से हमला किया गया था. उस समय भी ब्रिटेन और रूस के संबंध काफी खराब हो गए थे. बताया जाता है कि स्क्रीपाल डबल एजेंट बन गया था. वह रूस की खुफिया जानकारी ब्रिटेन के साथ साझा कर रहा था. इसी के कारण उसकी हत्या कर दी गई थी.

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