इस हिदायत को लेकर विरोधाभास तब पैदा हो गया जब रूस में कंज़्यूमर सेफ्टी वॉचडॉग की प्रमुख ने डिप्टी पीएम की चेतावनी को दोहराया लेकिन स्पूतनिक वैक्सीन के डेवलपर डॉ. अलेक्ज़ेंडर गिंट्सबर्ग ने ट्वीट करके कह दिया कि एक गिलास शैंपेन पीने से कोई नुकसान नहीं होता. रूस में वैक्सीनेशन के दौरान शराब पीने की हिदायत पर हंगामा बरपा है. किस तरह, ये भी आपको बताएंगे लेकिन पहले जानिए कि क्या वाकई यह चेतावनी सही है? और क्या यह हर वैक्सीन के मामले में लागू होती है?
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क्या सभी वैक्सीनों को लेकर है यह चेतावनी?हंगामा खड़ा हुआ तो डॉ. गिंट्सबर्ग ने अपने ट्वीट का मतलब साफ करते हुए कहा कि वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए जाने के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद अल्कोहल का सेवन करने से बचना चाहिए. गिंट्सबर्ग ने यह भी कहा कि यह एक कॉमन सेंस की बात है और दुनिया भर में हर वैक्सीन के मामले में यह हिदायत काम की है क्योंकि यह इम्यूनिटी से जुड़ा मामला है. यहां से सवाल खड़ा हो गया कि क्या हर वैक्सीन के समय शराब पीना नुकसानदेह होगा?
कुछ देशों में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण शुरू हो चुका है.
रिसर्चों के हवाले से आगे बात करेंगे, पहले आपको बताते हैं कि अन्य वैक्सीनों के मामले में इस हिदायत की कितनी अहमियत है. यूके में फाइज़र कंपनी वैक्सीन लोगों को दिए जाने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है और खबरों की मानें तो इस वैक्सीन के डेवलपर के हवाले से कहा गया है कि जिन लोगों को यह वैक्सीन दी जा रही है, उन्हें इस तरह की कोई हिदायत नहीं दी गई कि वो शराब न पिएं.
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इसी तरह, न्यूसाइंटिस्ट की रिपोर्ट में कहा गया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राज़ेनेका ने जो वैक्सीन डेवलप की है, उससे जुड़े विशेषज्ञों ने भी बताया है कि वैक्सीनेशन के दौरान शराब न पीने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया है. तो क्या वैक्सीन के समय शराब पीने से इम्युनिटी पर कोई असर नहीं होता?
क्या कहती हैं रिसर्च?
इम्यून सिस्टम पर शराब पीने का क्या असर होता है, इस बारे में अब तक जो शोध हुए हैं, उनके मुताबिक यह तो साफ है कि जो लोग ज़्यादा शराब पीते हैं, उन्हें संक्रमण का खतरा ज़्यादा होता है. स्वीडन में हुई 2012 की एक स्टडी में भी यह कहा गया था कि सामान्य मात्रा में शराब पीने वाले लोगों में इम्यून रिस्पॉंस पर कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन बैक्टीरियल निमोनिया के खिलाफ वैक्सीन को लेकर कुछ दिक्कतें दिखती हैं.
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इस रिसर्च का मतलब यह था कि एक दिन में 30 ग्राम अल्कोहल का औसत सेवन आपकी इम्यूनिटी को खास प्रभावित नहीं करता. लेकिन एक बात और ध्यान देने की यह है कि कोरोना काल में स्पूतनिक और अन्य वैक्सीन ट्रायलों के दौरान देखा गया कि करीब 10 फीसदी लोगों में वैक्सीन लेने के बाद भी इम्यूनिटी डेवलप नहीं होती. हालांकि अभी यह स्टडी नहीं हुई है कि इसकी वजह शराब के सेवन से किस तरह जुड़ी है.
इस तरह की रिसर्च नहीं है जो प्रामाणिक तौर पर कह सके कि शराब पीने से वैक्सीन बेअसर हो जाती है.
कुल मिलाकर यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि भारी मात्रा में अल्कोहल के सेवन से इम्यूनिटी प्रभावित होती है. लेकिन अभी इस तरह की पुख्ता रिसर्चें नहीं हैं जो प्रामाणिक तौर पर कह सकें कि शराब पीने से वैक्सीन बेअसर साबित हो जाती है. अब जानिए कि रूस में क्या हंगामा खड़ा हुआ है.
रूस में चेतावनी से खलबली
स्पूतनिक वैक्सीन कार्यक्रम में 21 दिनों के गैप के बाद दो इंजेक्शन देकर टीकाकरण किया जाता है. यानी वैक्सीन का स्पष्ट असर होने में 42 दिनों का समय सामान्य तौर पर लग रहा है. दूसरी तरफ, दुनिया भर में प्रति व्यक्ति शराब की खपत के मामले में रूस चौथा सबसे बड़ा देश है. यानी औसतन एक रूसी व्यक्ति एक साल में 15 लीटर से कुछ ज़्यादा शराब पी जाता है.
रूस में वैक्सीन के दौरान शराब सेवन को लेकर जिस तरह चेतावनी जारी की गई, उससे एक बड़ी आबादी नाराज़ हो गई है. एक तो त्योहार का मौसम सिर पर है और दूसरे ठंड इसलिए लोग इस तरह की हिदायत से खफ़ा होकर विरोध प्रदर्शन तक कर रहे हैं. कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस तरह के निर्देशों को बुरा असर यह हो सकता है कि लोग वैक्सीन लेने से बिचकते नज़र आएं.