Friday, March 29, 2024
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कपूरथला RCF ने दिया नया लुक; 4 स्पेशल कोच का कालका-शिमला ट्रैक पर ट्रायल कल | Kapurthala News : Toy Train, Trial Kalka Shimla Track, RCF Given New Look

अरुण खोसला, कपूरथला27 मिनट पहले

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ब्रिटिश शासन की ‘समर कैपिटल’ ​शिमला की हसीन वादियों में दौड़ने वाली 115 साल पुरानी टॉय ट्रेन की निशानी को RCF कपूरथला में नया रूप देने का काम अंतिम चरण में है। कल शाम RCF प्रबंधन द्वारा ट्रायल के लिए 4 कोच रवाना किए जाएंगे। ट्रायल सफल होने के बाद बहुत जल्द स्विट्जरलैंड की ट्रेन को मात देती सेमी विस्टाडोम (पैनारोमिक) कोच ​शिमला के मनमोहक नजारों की सैर कराएंगे।

अंग्रेजी हुकूमत में 1908 में लाहौर पाकिस्तान में डिजाइन की गई टॉय ट्रेन ही कालका-​शिमला ट्रैक के बीच दौड़ती आ रही है। अब RCF ने इसे आधुनिक रूप देने के लिए 4 नए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कोच तैयार कर लिए हैं।

2008 में यूनेस्को ने माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया के तौर पर किया सूचीबद्ध
बता दें कि कालका-​शिमला रेलवे को 2008 में यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हैरिटेज साइट में “माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया” के तौर पर सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन अब तक कालका-​शिमला ट्रैक के बीच 115 साल पुरानी डिजाइन वाली टॉय ट्रेन ही दौड़ती आ रही थी। भारतीय रेल की तरफ से RCF कपूरथला को अपनी आधुनिकीकरण की प्रति​ष्ठित परियोजना सौंपी गई।

टॉय ट्रेन के कोच तैयार करते RCF के कर्मचारी।

टॉय ट्रेन के कोच तैयार करते RCF के कर्मचारी।

लेकिन, पाकिस्तान के लाहौर में डिजाइन की गई टॉय ट्रेन के लिए RCF के पास ​डिब्बों के विकास, जांच-परीक्षण के लिए नैरोगेज ट्रैक के मॉडलिंग हेतु कोई भी डाटा उपलब्ध नहीं था। फिर भी RCF ने अपनी उच्च कुशलता का बखूबी इस्तेमाल करते हुए न केवल इसके डिजाइन के शैल जिग्स, लिफ्टिंग टैकल, स्टैटिक टेस्ट जिग्स, नैरोगेज लाइन, लोडिंग गेज सरीखे इंफ्रास्ट्रक्चर का इन-हाउस निर्माण किया।

नए डिजाइन में किए गए कई महत्वपूर्ण काम
ब​ल्कि, अब चार कोच तैयार कर ट्रायल के लिए कालका-​शिमला रेलवे को सौंपने की तैयारी भी मुकम्मल कर ली है। इन आधुनिक सुविधाओं से लैस कोच में एयर कंडीशनिंग सिस्टम, बिजली सप्लाई, पैंट्री, बायो-वैक्यूम टॉयलेट, लाइटिंग व फ्लोरिंग आदि के नए डिजाइन में कई महत्वपूर्ण काम किए गए हैं। जिससे यात्री इसमें ​बैठकर ​शिमला की हसीन वादियों का लुत्फ उठा सकेंगे।

कोच की जानकारी लेते अधिकारी।

कोच की जानकारी लेते अधिकारी।

कोच में पावर विंडो की सुविधा दी गई और पैनारोमिक कोच में छत पर लगे शीशे को यात्री अपनी सुविधा अनुरूप धूप से बचाव के लिए ब्लर भी कर सकेंगे। सबसे अहम बात यह है कि इन कोच में AC डिब्बे भी शुमार रहेंगे, जबकि पहले से दौड़ रही टॉय ट्रेन में यह सुविधा नहीं है। प्रशासन से मिली जानकारी अनुसार RCF कालका-​शिमला ट्रैक के लिए कुल 30 अत्याधुनिक नैरोगेज पैनारोमिक कोच का निर्माण करेगा।

ब्रेक सिस्टम के साथ हल्के वजन शैल शामिल
इनमें 12 सीटों वाले 06 फर्स्ट श्रेणी एसी चेयर कार, 24 सीटों वाले 06 एसी चेयर कार, 30 सीटों वाले 13 नॉन एसी चेयर कार और 05 पावर-कम-लगेज वैन का निर्माण करेगा। यह ​डिब्बे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। इनमें अपग्रेडेड बोगियों और बेहतर ब्रेक सिस्टम के साथ हल्के वजन शैल शामिल हैं। इनमें पैनारे​मिक वाइड-व्यू विंडो, सीसीटीवी व फायर अलार्म जैसी आधुनिक सुरक्षा सुविधाएं होंगी।

टॉय ट्रेन के अत्याधुनिक कोच।

टॉय ट्रेन के अत्याधुनिक कोच।

शोर व वाइब्रेशन प्रूफिंग से लैस खूबसूरत इंटीरियर, एंटी अल्ट्रा वायलेट कोटेड विंडेा ग्लास, उच्च श्रेणी के कोच में पावर विंडो और डोर, हीटिंग-कूलिंग पैकेज एसी, लीनियर कंसील्ड पंखे, लीनियर LED लाइट्स, फिलप बैंक के साथ मॉड्यूलर सीटिंग रेल माउंटेड सीटें, एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए लग्जरी सीटों के साथ रेस्टोरेंट सीटिंग, ऑन बोर्ड मिनी पैंट्री, लगेज बिन, इंटर कार गैंग-वे (वे​स्टिबुल) आदि सुविधाएं होंगी।

ट्रेन में 7 कोच होंगे शामिल
हर रैक (ट्रेन) में छह यात्री कोच और एक पावर-कम-लगेज कोच वैन सहित सात कोच शामिल होंगे। RCF के PRO जितेश कुमार ने बताया कि कोच शैल का ट्रायल परीक्षण पास होने के बाद 4 एसी एग्जीक्यू​टिव चेयर कार, AC चेयर कार, नॉन AC चेयर कार व पावर-कम-लगेज कोच ट्रायल के लिए तैयार हैं। जिन्हें कल सोमवार को रवाना किया जाएगा।

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