Thursday, April 18, 2024
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अश्वनी शर्मा ने पंजाब सरकार के वैक्सीन घोटाले की जाँच को लेकर प्रधानमंत्री ऑफिस में दिया मांग पत्र

चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के विरुद्ध जारी लड़ाई में जनता के जीवन को बचाने के लिए भेजी गई वैक्सीन को पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा उसे अपने निजी फ़ायदे तथा प्रदेश के खज़ाने को भरने के लिए वैक्सीन को प्राईवेट में बेचने के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में भाजपा शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एम.ओ.एस. डॉ. जतिंदर सिंह से मुलाकात की। इस शिष्टमंडल में संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, प्रदेश भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता, डॉ. सुभाष शर्मा, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजेश बागा उपस्थित थे। शिष्टमंडल ने डॉ. जतिंदर सिंह को राज्य के बदतर हालातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें अपना मांग पत्र सौंपा।

जीवन गुप्ता ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की भ्रष्टाचार से लिप्त कांग्रेस सरकार घोटालों पर घोटाले किए जा रही है और कोरोना महामारी से जूझ रही जनता को मरने के लिए छोड़ रखा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जनता के लिए भेजी गई वैक्सीन को भी अपनी जेबें भरने के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल किया और वैक्सीन प्राईवेट अस्पतालों को बेचनी शुरू कर दी। कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने 400 रुपये में खरीदी गई वैक्सीन प्रदेश के प्राईवेट अस्पतालों को 80 हजार डोज थोक भाव में 1060 रुपये में बेची। 

उधर प्राइवेट अस्पताल उक्त कोरोना वैक्सीन 1560 रुपये में बेच कर दोनों हाथों से जनता को सरेआम सरकार की नाक के नीचे जम कर लूटा और जनता का आर्थिक शोषण किया। इस सबके चलते प्रदेश में लाखों लोग मौत के मुँह में चले गए। गुप्ता ने कहा कि इन सबकी मौत के जिम्मेवार सीधे रूप से कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू हैं। 

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पंजाब सरकार ने पी.पी.ई. किट तथा फतह किट की खरीद में घोटाला किया। पंजाब सरकार ने 837 रुपये वाली फतेह किट को 1338 रुपये के महंगे मूल्य में खरीद कर पंजाब के लोगों की जेबों पर डाका डाला है। कैप्टन सरकार ने प्रदेश की कोरोना से जूझ रही आम जनता की खून-पसीने की कमाई को फर्जी और योग्य कंपनियों के नाम पर लुटाया है। इस घोटाले में कई बार रेट को लेकर टेंडर बदला गया। 50 दिन में 5 बार टेंडर के रेट बदले गए. 750 रुपये की किट का टेंडर 1500 में दिया गया। 

उन्होंने कहा कि हर 15 दिन में कोविड फतेह किट के दाम बढ़ाए गए, कई बार नई-नई कंपनियों को टेंडर दिए गए। इन टेंडरों से पंजाब सरकार को राजस्व का भारी नुक्सान हुआ है।उन्होंने कहा कि भाजपा शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय से राज्य सरकार के इन सभी घोटालों में गभीरता से रुचि लेते हुए इस पर कड़ा संज्ञान लेने की मांग की है ताकि फिर कोई भी ऐसी गंभीर परिस्थितयों में जनता के हक पर डाका डालने की कोशिश ना कर सके।

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