संत समागम और हरि कथा सुनने का जब भी मिले मौका, चूके नहीं | Whenever you get a chance to listen to Sant Samagam and Hari Katha, don’t miss it.

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लुधियाना39 मिनट पहले

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जीवन में संतों का संग होना ही भक्ति है। संतों की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं होती है। इसलिए हमेशा संतों की सेवा करनी चाहिए। ये शब्द परम पूज्य श्री श्री जगद्गुरु आचार्य रामदिनेशचार्य महाराज (अयोध्या वालों) ने नूरवाला रोड स्थित विवेक धाम मंदिर में विवेक जागृति मिशन द्वारा स्वामी विवेक भारती की अध्यक्षता में करवाए जा रहे 16वें संत सम्मेलन व श्रीमद भागवत सप्ताह के अंतर्गत भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहे।

उन्होंने कहा कि संत का समागम और हरि कथा सुनने का मौका जब भी मिले, उसे छोड़ना नहीं चाहिए। स्वामी विवेक भारती महाराज ने कहा कि जिस प्रकार चंदन को अधिक रगड़ने से आग भी निकल सकती है। उसी प्रकार कभी ऐसे व्यंग्य ना करो, जो अपने लिए हानिकारक हों। कथा में विशेष रूप से श्री दुर्गा सेवक संघ के प्रधान बलवीर गुप्ता, पुष्पा गुप्ता, मार्केट कमेटी चेयरमैन दर्शन लाल बवेजा, जिला भाजपा व्यापार सेल अध्यक्ष हरकेश मित्तल, नीरू मित्तल, जिला भाजपा महासचिव कांतेंदु शर्मा, सचिव नवल जैन, समाज सेवक चेतन बवेजा, कैलाश नगर मंडल अध्यक्ष मनु अरोड़ा, चंद्र शर्मा, लक्की शर्मा ने महाराज से आशीर्वाद लिया।

इस मौके पर स्वामी स्मृति भारती, विवेक जागृति मिशन के प्रधान पवन शर्मा, रामानुज दास, सुनीता शर्मा, सुमन शर्मा, नमन, कपिल, राज, अमन, श्रुति, जयश्री उपस्थित रही।

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