
वाट्सएप पर विभिन्न ग्रुपों में बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री फैलाते थे सातों लोग.
पकड़े गए सातों लोगों पर विभिन्न वॉट्सएप ग्रुपों (WhatsApp groups) में चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child pornography) से जुड़े कंटेंट को फैलाने का आरोप है. सीबीआई (CBI) इस मामले की जांच कर रही है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 15, 2019, 8:20 AM IST
सीबीआई के अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग प्रकोष्ठ (आईपीसीसी) को 31 जनवरी 2019 को जर्मन दूतावास से एक कूटनीतिक पत्र प्राप्त होने के बाद शुरुआती जांच की गई. जांच के बाद मामला दर्ज किया गया. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी इलेक्ट्रॉनिक रूप में चाइल्ड पोर्नोग्रफी की सामग्री प्रसाारित करने में लिप्त पाए गए हैं. आईटी ऐक्ट के सेक्शन 67 के तहत यह संगीन अपराध है.
दरअसल जर्मनी ने सास्चे ट्रैप्पके के बारे में सूचना दी थी, जिसे उस देश में बाल यौन दुर्व्यवहार और बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री के वितरण के संबंध में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. जांच के दौरान यह सामने आया कि वह 29 वॉट्सऐप ग्रुप्स का हिस्सा था, जहां बाल अश्लील सामग्री साझा की जा रही थी. उन्होंने कहा कि इन समूहों में सात भारतीय मोबाइल नंबर भी थे.
केरल में भी पकड़े गए थे 12 लोगबता दें कि ऐसे ही एक मामले में हाल ही में केरल (Kerala) में सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से कथित रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी फैलाने को लेकर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 20 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
केरल पुलिस (Kerala Police) की बाल यौन उत्पीड़न निरोधक इकाई (सीसीएसई CCSE) द्वारा राज्य में 21 स्थानों पर छापा मारे जाने के बाद यह कार्रवाई हुई थी. सीसीएसई इंटरपोल (Interpole) की बच्चों के खिलाफ अपराध संबंधी इकाई और इंटरनेशनल सेंटर फोर मिसिंग एंड एक्सप्लॉयटेड चिल्ड्रेन के साथ मिलकर काम करती है.
कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि 12 अक्टूबर को सुबह छह बजे छापा शुरू हुआ था, जो रविवार को करीब एक बजे समाप्त हुआ. पुलिस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन मॉडम, हार्ड डिस्क, मेमोरी कार्ड, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण जब्त किए गए.
पुलिस ने बताया कि जिन वाट्सएप ग्रुपों (Whatsapp) पर बाल अश्लीलता फैलाई जा रही थी, उनकी भी पहचान कर ली गई है. पुलिस वाट्सएप, टेलीग्राम और फेसबुक पर विभिन्न ग्रुपों पर कड़ी नजर रख रही है. इंटरपोल की मदद से पुलिस द्वारा चलाया गया यह तीसरा विशेष अभियान था. इससे पहले अप्रैल और जून में ऐसा ही अभियान चलाया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)
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