नई दिल्ली: देश के आंतरिक मामलों में बढ़ रहे विदेशी दखल यानी इंटरनेशनल टुकड़े-टुकड़े गैंग की हरकतों पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का सख्त बयान आया है. भारत के निजी मामले यानी किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) पर बिना वजह बयानबाजी करने वाली पॉप गायिका रिआना (Pop Star Rihanna ) सहित मशहूर विदेशी हस्तियों के दुष्प्रचार पर गृहमंत्री शाह ने जवाब दिया है. अमित शाह ने कहा है कि कोई भी प्रोपेगेंडा भारत की एकता को तोड़ नहीं सकता है. ना ही कोई भारत को नई ऊंचाई पाने से रोक सकता है. गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिए यह जवाब दिया.
ट्वीट के जरिए दिया जवाब
केंद्रीय गृहमंत्री ने ट्वीट किया, ‘कोई प्रोपेगेंडा भारत की एकता को नहीं तोड़ सकता है. कोई प्रोपेगेंडा भारत को ऊंचाइयां प्राप्त करने से नहीं रोक सकता. भारत का भाग्य कोई प्रोपेगेंडा नहीं, केवल प्रगति तय करेगा. प्रगति के लिए भारत एक है और साथ है.’ गृहमंत्री ने ट्वीट के साथ हैशटैग #IndiaAgainstPropaganda #IndiaTogether का भी इस्तेमाल किया है.
No propaganda can deter India’s unity!
No propaganda can stop India to attain new heights!
Propaganda can not decide India’s fate only ‘Progress’ can.
India stands united and together to achieve progress.#IndiaAgainstPropaganda#IndiaTogether https://t.co/ZJXYzGieCt
— Amit Shah (@AmitShah) February 3, 2021
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इन मशहूर विदेशी हस्तियों ने कही ये बात
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने भी बयानबाजी की थी. उस समय भी भारतीय विदेश विभाग (MEA) ने कनाडा और अन्य संबंधित लोगों को कड़ी नसीहत दी थी. इसी सिलसिले में इस बार अमेरिकी पॉप गायिका रिआना, स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी अभिनेत्री अमांडा केरनी का नाम जुड़ा है. इन सभी ने देश में जारी आंदोलनों की फोटो पोस्ट करते हुए भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की.
विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
ऐसे गैरजरूरी बयानबाजी को लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. विदेश मंत्रालय के अलावा सरकार के कई मंत्रियों और खेल से बॉलीवुड तक की हस्तियों ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है. मंत्रालय ने कहा है कि कुछ निहित स्वार्थी समूह प्रदर्शनों पर अपना एजेंडा थोपने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में पूरी चर्चा के बाद पारित कृषि सुधारों के बारे में देश के कुछ हिस्सों में किसानों के बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं.
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