
कार बनाने की क्लासेज के दौरान लड़कियों को टायर बदलना, कार में तेल चेक करना और इंजन कितना गर्म हो चुका है जांचना सिखाया जा रहा है (फोटो क्रेडिट- Stella Maris College, Facebook)
ट्रेनिंग ले रही स्टेला मैरिस कॉलेज (Stella Maris College) की ये स्टूडेंट्स कार को ठीक करने के साथ ही, लैंगिक भूमिकाओं (Gender Roles) में बदलाव ला रही हैं. कार बनाने की क्लासेज के दौरान उन्हें टायर बदलने (Changing the Tire), कार में तेल चेक करने और इंजन कितना गर्म हो चुका है, यह चेक करना सिखाया जाता है.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 1, 2020, 1:49 PM IST
यहां ट्रेनिंग ले रही स्टेला मैरिस कॉलेज (Stella Maris College) की ये स्टूडेंट्स कार को ठीक करने के साथ ही, लैंगिक भूमिकाओं (Gender Roles) में बदलाव ला रही हैं. कार बनाने की क्लासेज के दौरान उन्हें टायर बदलने (Changing the Tire), कार में तेल चेक करने और इंजन कितना गर्म हो चुका है, यह चेक करना सिखाया जाता है. सभी के लिए ये चीजें थोड़ी कठिन होती हैं लेकिन एक बार सीख लेने पर जिंदगी में यह बहुत जरूरी स्किल (necessary skills) साबित होती हैं.
ऑस्ट्रेलिया में करीब 2 करोड़ रजिस्टर्ड वाहन
गैलेमेटिक संस्था अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दावा करती है कि “कार चलाने वाली महिलाओं और किशोरों की हमारे हैंड्स ऑन कार मेंटिनेंस वर्कशॉप और ऑनलाइन कोर्सेज के जरिए मदद करने की विशेषज्ञता हमारे पास है.”आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में इस साल की जनवरी तक करीब 2 करोड़ वाहन रजिस्टर्ड थे. यहां कुल वाहनों की संख्या में 2019 के मुकाबले 1.5% की बढ़ोत्तरी हुई थी. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग रोज़ वहां गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अब भी वहां डीजल गाड़ियों का बोलबाला है और पिछले साल इनकी खरीद में 25.6% की बढ़ोत्तरी ही देखी गई थी. लेकिन इन गाड़ियों की देखरेख करने के लिए बहुत से ट्रेंड मैकेनिक की जरूरत होती है और अगर यह काम कुछ गाड़ी का मालिक कर सके तो इससे अच्छा क्या होगा. ऐसे में इस ट्रेनिंग स्कूल के प्रयास को काफी सराहा जा रहा है.
हर साल सिर्फ सिडनी में 1 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिलती है ट्रेनिंग
एलेनी मिटाकोस इन कक्षाओं को पिछले 13 सालों से चला रही हैं और सिर्फ लड़कियों ही नहीं बल्कि अन्य किशोरों को भी कार के रखरखाव से जुड़ी सामान्य जानकारियां दे रही हैं.
एक बातचीत के दौरान उन्होंने डेली मेल ऑस्ट्रेलिया को बताया कि सिर्फ एक साल में ही वे सिडनी के विभिन्न भागों को मिलाकर कुल 1 लाख किशोर लड़के-लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं. उन्होंने कहा कि “यह ट्रेनिंग देने के पीछे हमारा मुख्य लक्ष्य है कि किशोरों को कार चलाते हुए सुरक्षित महसूस हो. कुछ भी हो वे एक बड़े वाहन को चला रहे होते हैं, जिसकी ठीक से देख-रेख न की गई तो यह बहुत महंगा पड़ सकता है. हम इस बात पर बहुत जोर देते हैं कि स्टूडेंट्स को अपनी कार के साथ होने वाली किसी भी समस्या को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए. अपनी सुरक्षा के लिए उन्हें ऐसा करने की जरूरत है.”
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कॉलेज की लड़कियों की देखरेख की इंचार्ज एमी स्मिथ ने इस प्रयोग के बारे में बताया, “हमारे पास लड़कियों के तीन ग्रुप हैं. जिसमें 40 लड़कियां हैं. फीडबैक बहुत अच्छा रहा है. गैलमैटिक में सिखाने वाली महिलाएं बहुत ही धैर्य के साथ एक-एक जानकारी देती हैं. साथ ही यह कार बनाने जैसे मामलों में लड़कियों को किसी और पर निर्भर रहने के बजाए आत्मनिर्भर रहना भी सिखाता है.”