
सीईओ ने पत्नी के लिए छोड़ दिया 750 करोड़ का बोनस (फोटो- AP)
Rubin Ritter forgo 112 million dollar bonus: फैशन रिटेलर कंपनी जलांडो एसई (online fashion retailer Zalando SE)के को-सीईओ रुबिन रिटर (Rubin Ritter) ने ऐलान किया है कि वे पत्नी के करियर के लिए 750 करोड़ रुपए का बोनस छोड़ रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 11, 2020, 2:42 PM IST
रुबिन का दावा है कि अब घर और बच्चों की जिम्मेदारी वह संभालेंगे. रिटर अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें 10 करोड़ डॉलर यानी लगभग 750 करोड़ रुपये का बोनस छोड़ना होगा. हालांकि रुबिन के इस फैसले को कुछ लोग सोशल मीडिया पर ड्रामा बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि रुबिन ने अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए ये सब किया है. 6 दिसंबर ( 2020) को जारी एक बयान में रिटर ने कहा कि हमने मिलकर यह फैसला किया है. आने वाले वर्षों में पत्नी के करियर को रफ्तार देना हमारी प्राथिमकता है.
This fashion co-CEO just quit so his wife could pursue her career.”My wife and I have agreed that for the coming years, her professional ambitions should take priority,” said Rubin Ritter https://t.co/Qoz15uhIfo
— CNN (@CNN) December 7, 2020
जज हैं रुबिन रिटर की पत्नी
बता दें कि रुबिन रिटर की पत्नी जज हैं और बच्चों के लिए उन्हें करियर ब्रेक लेना पड़ा था. रुबिन के इस फैसले को बर्लिन स्थित कंपनी जलांडो एसई के लिए पब्लिसिटी स्टंट माना जा रहा है. यह कंपनी जेंडर असमानता को लेकर कंज्यूमर के निशाने पर रही है. जलांडो एसई के ज्यादातर ग्राहक महिलाएं हैं लेकिन पांच सदस्यीय बोर्ड में सारे श्वेत पुरुष हैं. पिछले साल ऑल ब्राइट फाउंडेशन ने बोर्ड में किसी भी महिला को न रखने के लिए इसकी खासी आलोचना की थी. इसके बाद कंपनी ने टॉप एक्जीक्यूटिव लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का वादा किया था. कंपनी ने कहा था कि वह 2023 तक मैनेजमेंट बोर्ड में महिलाओं की नुमाइंदगी बढ़ा कर 40 फीसदी कर देगी.
दरअसल जलांडो में टॉप लेवल पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व का न होना कोई अचरज की बात नहीं है. यूरोपीय देशों में से जर्मनी जेंडर पे-गैप में काफी आगे है. यहां की कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का स्तर यूरोपीय देशों में सबसे कम है. ऑलब्राइट फाउंडेशन के मुताबिक जर्मनी की सबसे बड़ी 160 कंपनियों में के बोर्ड में सिर्फ 9.3 फीसदी महिलाएं हैं. जलांडो फैशन, सॉफ्टवेयर और लॉजिस्टिक की अपनी क्षमताओं की बदौलत कपड़ों की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी बन गई है. परंपरा के उलट इसे तीन को-सीईओ मिल कर चलाते हैं.