
फाइल फोटो…
- News18Hindi
- Last Updated:
October 16, 2020, 11:10 AM IST
साल 2011 में आए भीषण भूकंप और सुनामी से फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र बुरी तरह प्रभावित या कहें तो पूरी तरह अपंग हो गया था. इसके बाद टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स इंक ने यहां एक मिलियन टन से अधिक रेडियोधर्मी पानी पानी एकत्र किया.
हालांकि जापानी उद्योग मंत्री हिरोशी कजियामा ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं किया गया है, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि जल्दी से जल्दी इस बारे में कोई काम हो.
जापान के इस संभावित फैसले का जहां जापानी मछुआरों द्वारा विरोध किया जा रहा है, वहीं इससे पड़ोसी देशों में भी चिंता बढ़ गई है.पिछले ही हफ्ते जापानी मछली उद्योग के प्रतिनिधियों ने सरकार से फुकुशिमा संयंत्र से कई टन दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया था.
दक्षिण कोरिया ने इस परमाणु आपदा के बाद फुकुशिमा क्षेत्र से समुद्री भोजन के आयात पर प्रतिबंध बरकरार रखा है और जापानी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी को पिछले साल तलब किया था ताकि यह बताया जा सके कि फुकुशिमा के पानी से कैसे निपटा जाएगा.
बता दें कि इस साल की शुरुआत में नष्ट फुकुशिमा संयंत्र से रेडियोधर्मी पानी के निपटान की सलाह देने वाले विशेषज्ञों के एक पैनल ने जापान के सरकार को इसे समुद्र में छोड़ने की सिफारिश की थी.
जापान का उद्योग मंत्रालय अप्रैल से विभिन्न पक्षों के विचारों को सुन रहा है, जिसमें मत्स्य प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
समुद्र में दूषित पानी छोड़े जाने का विरोध करते हुए कुछ मत्स्य प्रतिनिधियों ने गुरुवार को कजियामा का दौरा किया था.